सूर्य ग्रहण 2024 : एक दुर्लभ नक्षत्र संयोग जानें DATE AND TIMING

सूर्य ग्रहण 2024 एक दुर्लभ सूर्य ग्रहण है, जो  54 साल बाद सबसे लम्बा सूर्य ग्रहण होने जा रहा है| साल का पहला सूर्य ग्रहण जो 8 अप्रैल 2024, दिन सोमवार और सोमवती चैत्र अमावस्या के दिन लगने जा रहा है| यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होने जा रहा है | यह उत्तरी अमेरिका में पूर्ण सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देने वाला एक ऐसा सूर्य ग्रहण होगा जो दिन को रात में बदल देगा और 7 मिनट तक पूर्ण अँधेरा छा जायेगा | सूर्य और चंद्र ग्रहण का महत्व सनातन धर्म में अत्यधिक है। इन घटनाओं को विशेष महत्व दिया जाता है। इसे विश्व के कई अन्य देशों में भी महत्वपूर्ण माना जाता है। माया सभ्यता में सूर्य ग्रहण को बेहद कष्टकारक माना जाता था। ज्योतिषियों के अनुसार, राहु द्वारा सूर्य या चंद्र के ग्रहण से ग्रहण होता है। इसलिए ग्रहण के समय में पृथ्वी पर राहु का प्रभाव बढ़ जाता है। इसलिए इस समय शुभ कार्य करने की मनाही होती है, और खाने-पीने की सलाह नहीं दी जाती है। हालांकि, बच्चे, वृद्धजन, और बीमार व्यक्ति ग्रहण के समय फल और जल का सेवन कर सकते हैं।

  • सूर्य ग्रहण 2024 का सही समय :-

सूर्य ग्रहण 2024 का सही समय 08 अप्रैल को संध्याकाल 9 बजकर 12 मिनट से सुरु होकर देर रात 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जायेगा | सूर्य ग्रहण 2024 का मध्य समय रात 11 बजकर 47 मिनट पर होगा और पूरी अवधि 05 घंटे 10 मिनट की होगी | यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नछत्र में लगने जा रहा है |

  • कहाँ – कहाँ दिखाई देगा सूर्य ग्रहण 2024:-

 

आपको यह बता दें कि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा | यह कनाडा , उत्तरी अमेरिका, मैक्सिको , कोस्टारिका , क्यूबा , डोमिनिया , फ्रेंच पोलिनेशिया , जमैका व कुछ अन्य स्थानों पर दिखाई देगा |

चुकी यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देने वाला है इसलिए ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जायेगा | ज्योतिषियों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक चार प्रहर पूर्व लगता है। सरल शब्दों में कहें तो सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लगता है। यह तब होता है जब ग्रहण दिखाई देता है। अगर ग्रहण नहीं दिखता है, तो सूतक मान्य नहीं होता है। चंद्र ग्रहण के दौरान 09 घंटे का सूतक होता है। अर्थात, इस ग्रहण के दौरान देश दुनिया पर कोई भौतिक प्रभाव, आध्यात्मिक प्रभाव, सूतक का प्रभाव या किसी प्रकार का धार्मिक प्रभाव नहीं पड़ेगा।ग्रहण के समय मांगलिक कार्य न करें, भले ही सूतक ना लगा हो।

    • क्या होता है सूर्य ग्रहण :-

जब पृथ्वी, सूर्य तथा चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं, तब पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है, और इस स्थिति को पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति कहा जाता है।

  • सूर्य ग्रहण का पौराणिक इतिहास :-

पुराणों के अनुसार, सूर्य ग्रहण की धार्मिक मान्यता में पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण समुद्र मंथन के समय हुआ था। रामायण के अरण्य कांड में भी सूर्य ग्रहण का उल्लेख है। ऐसा कहा जाता है कि महाभारत काल में जिस दिन पांडव जुआ में हारे थे उस दिन भी सूर्य ग्रहण लगा हुआ था | रामायण काल में भी उल्लेख के अनुसार भगवान राम ने खर-दूषण को इसी दिन मारा था | कुछ प्रसंगों में बताया जाता है कि जब द्वारिका नगरी समुद्र में डूबी थी तो उस समय भी सूर्य ग्रहण लगा हुआ था |

  • सूर्य ग्रहण 2024 के समय काल में क्या नहीं करना चाहिए :-
  1. ज्योतिष के अनुसार ग्रहण के समय कभी भी सोना नहीं चाहिए और न ही सुई में धागा डालना चाहिए |
  2. सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी सुनसान जगह पर नहीं जाना चाहिए, और समशान घाट पर इस समय अकेले नहीं जायें क्योंकि इस समय नकारात्मक शक्तियां बहुत ज्यादा प्रबल होती हैं |
  3. सूर्य ग्रहण के समय यात्रा करने से परहेज करें और शास्त्रों में विशेष तौर पर शारीरिक सम्बन्ध बनाने कि मनाही कि गयी है |
  4. यदि सूर्य ग्रहण आपकी राशि में लग रहा हैं तो आपकी राशि पर अशुभ प्रभाव पड़  सकता हैं इसलिए आप किसी भी प्रकार से सूर्य को देखने से बचें |
  • सूर्य ग्रहण 2024 के समय क्या- क्या करना चाहिए :-

सूर्य ग्रहण के समय शनि देव और भगवान शिव कि पूजा पाठ करनी चाहिए और ध्यान रखें मूर्ति को न छुएं , आप मन में नाम लेकर पूजा कर सकते हैं | सूर्य ग्रहण के दौरान आप इस मंत्र “ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो : सूर्य: प्रचोदयात।” का उच्चारण कर सकते हैं और साथ ही इस जगत के पालन हार भगवान विष्णु का जाप कर सकते हैं और ग्रहण के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं |

 

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